CAB पर उद्धव ठाकरे को कांग्रेस ने दिया अल्टीमेटम तो लिया यू-टर्न .
उद्धव ठाकरे के यू-टर्न की इनसाइड स्टोरी बेहद दिलचस्प बताई जा रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है। कांग्रेस शुरू से ही नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही है। ऐसे में इस बिल पर शिवसेना के समर्थन के बाद कहा यह जा रहा है कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर अपनी सेक्यूलरिज्म वाली छवि को नुकसान नहीं पहुंचने देना चाहती है। लिहाजा कांग्रेस ने शिवसेना को याद दिलाया है कि महाराष्ट्र में उसने महाविकास अघाड़ी को सेक्यूलरिज्म के शर्त के साथ ही अपना समर्थन दिया है।
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर अपनी सेक्युलरिज्म वाली छवि को बदलना नहीं चाहती और वो अपने सहयोगियों से भी यही अपेक्षा रखती है। कांग्रेस और एनसीपी यह नहीं चाहती है कि शिवसेना एक तरफ महाराष्ट्र में उनके सहयोग से सरकार चलाए और सदन में उसका रवैया डबल स्टैंडर्ड का हो जाए यानि सदन में शिवसेना किसी भी कीमत पर कांग्रेस के स्टैंड के खिलाफ जाए। कांग्रेस-एनसीपी ने साफ कर दिया है कि अगर शिवसेना को महाविकास अघाड़ी को साथ लेकर महाराष्ट्र में चलना है तो उन्हें नागरिकता संशोधन बिल पर सदन में इस बात का ख्याल रखना होगा।
यहां आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने वाले उद्धव ठाकरे की पार्टी ने बीते सोमवार को लोकसभा में सीएबी पर केंद्र सरकार का समर्थन किया। लेकिन अब राज्यसभा में भाजपा को समर्थन देने के मुद्दे पर खुद उद्धव ठाकरे ने बीते मंगलवार को साफ किया है कि 'हम इस बिल का समर्थन तब तक नहीं करेंगे जब तक कि सभी चीजें साफ नहीं हो जातीं…जो बिल राज्यसभा में लाया गया है उनमें सरकार को बदलाव करना होगा।'